आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "rooh e nazeer ebooks"
अत्यधिक संबंधित परिणाम "rooh e nazeer ebooks"
ग़ज़ल
यार मिला जब ऐ 'नज़ीर' मेरे गले, तो मिल गए
जिस्म से जिस्म जाँ से जाँ रूह से रूह दिल से दिल
नज़ीर अकबराबादी
ग़ज़ल
'नज़ीर' क़िस्सा-ए-ज़ख़्म-ए-निहाँ कहूँ किस से
ये दास्तान-ए-अलम सख़्त रूह-फ़र्सा है
नज़ीर मुज़फ़्फ़रपुरी
अन्य परिणाम "rooh e nazeer ebooks"
ग़ज़ल
हर चीज़ में अक्स-ए-रुख़-ए-ज़ेबा नज़र आया
आलम मुझे सब जल्वा ही जल्वा नज़र आया